भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट कौन सा है? टॉप 10 लिस्ट (नवंबर) 2024
इंडिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट कौन सा है? सबसे पहले मैं आपको इस प्रश्न का उत्तर बता देता हूं: इंदिरा गांधी एयरपोर्ट दिल्ली। क्या आप यह नहीं करना चाहेंगे कि भारत का दूसरा तीसरा और चौथा बड़ा एयरपोर्ट कौन है?
क्या आपको पता है, India का सबसे बड़ा एयरपोर्ट कहां पर बन रहा है? 2024 का सबसे ताजा भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट का लिस्ट भी इस आर्टिकल में शामिल किया गया है। आखिर तक पढ़िए आपको बहुत सारी जानकारी इस Article में मिलेगा।
Bharat Ka Sabse Bada Airport Kaun Sa Hai?
- यात्री संख्या के आधार पर – इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली
- क्षेत्रफल के आधार पर – राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद (5945 एकड़)
- भविष्य में बनने वाला सबसे बड़ा एयरपोर्ट – जेवर एयरपोर्ट, नोएडा उत्तर प्रदेश
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Indira Gandhi International Airport या IGI एयरपोर्ट), भारत का सबसे व्यस्त और सबसे बड़ा एयरपोर्ट है।
भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट से हर दिन 80 एयरलाइंस 950 से भी ज्यादा उड़ानें भड़ती है या लैंड करती है। यह तीन टर्मिनल्स से मिलकर बना हुआ है, जिसमें 80 से अधिक एयरलाइंस अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं। इसका नाम भारत की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है।
बिगेस्ट एयरपोर्ट इन इंडिया: टॉप 10 लिस्ट 2024
रैंक | Name | City |
---|---|---|
1 | इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | नई दिल्ली |
2 | छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | मुंबई |
3 | चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | चेन्नई |
4 | केंपेगोडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | बैंगलोर |
5 | कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | कोची |
6 | राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | हैदराबाद |
7 | त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | तिरुवनंतपुरम |
8 | नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | कोलकाता |
9 | कालीकट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | कालिकट |
10 | दाबोलिम हवाई अड्डा | वास्को द गामा |
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का इतिहास और पुराना नाम
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का इतिहास एक रोमांचक यात्रा है जो अपनी विकास और उन्नति से भरा हुआ है। यह एयरपोर्ट पुराने पालम एयरपोर्ट के रूप में अपना योगदान आरंभ करता है।
पालम एयरपोर्ट, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान एक रॉयल वायुसेना बेस के रूप में शुरू हुआ था, जो ब्रिटिश युद्ध प्रयासों को एशिया और इससे परे देशों में सेवा करता था।
भारत की स्वतंत्रता के बाद, पालम भारतीय वायुसेना बेस के रूप में सेवा करना जारी रखा गया था जब भारत में वाणिज्यिक उड़ान सेवा के उभरने के कारण सरकार ने इसका उद्देश्य बदलने का निर्णय लिया।
1962 में, पालम एयरपोर्ट अधिकृत रूप से एक यात्री एयरपोर्ट बन गया। शुरुआत में, एयरपोर्ट एक घंटे में अधिकतम 1,300 यात्रियों को सेवा दे सकता था, जो सीमित संख्यक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की सेवा करता था।
हालांकि, इसके बाद एयरपोर्ट को जल्द ही विस्तार किया गया, और वर्ष 1969 में एक नया टर्मिनल बनाया गया, जिसका खर्च तब के समय में ₹ 9,00,000 हुआ था। पालम एयरपोर्ट ने अपने विस्तार के पश्चात चारों ओर तेजी से विकसित होते हुए दिखाई दीया।
आप में से कभी लोगों को पता होगा कि, लंदन का बोइंग विमान सबसे पहले 1970 में सी पालम एयरपोर्ट पर उतरा था!हालांकि, जैसे ही भारत में हवाई यातायात बढ़ने लगा, पालम एयरपोर्ट यातायात के साथ कठिनाईयों का सामना कर रहा था। इसका मतलब था कि एयरपोर्ट को एक और विस्तार की आवश्यकता थी।
मई 1986 में, एक नया टर्मिनल (टर्मिनल 2) निर्माण किया गया और पालम एयरपोर्ट को आधिकारिक रूप से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नाम दिया गया।
एयरपोर्ट का नाम भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है, जिन्हें 1984 में मृत्यु हो गई थी।
दो सक्रिय टर्मिनल्स के साथ, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को उस समय के आने वाले दशक के लिए एक आवश्यक क्षमता को बूस्ट मिला।
टर्मिनल 2 ने अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए नया हब का काम किया, जबकि टर्मिनल 1 ने अपने प्राथमिक घरेलू एयरपोर्ट के रूप में अपनी भूमिका को जारी रखा।
ये भूमिकाएं दो दशकों तक पुनः प्रदर्शित हुईं और दिल्ली के पास बस ये दो हब थे, जब तक 2010 में नए नाम के साथ तीसरे टर्मिनल का निर्माण न हो जाए।
यहां तक कि पिछले 20 वर्षों में उड़ान की मांग विस्तारशील रूप से बढ़ गई है। टर्मिनल 1 अपनी क्षमता से 45% अधिक यात्रियों का सामना कर रहा था।
भारत के लिए अधिक एयरलाइंसों की सेवा करने के साथ, T2 का अवश्यकता से जल्दी भर गया, जिसमें और अधुनिक सुविधाओं की जरूरत थी।
तीसरे टर्मिनल के निर्माण की शुरुआत ने 2006 में सरकार ने इसे एक निजी समूह को सौंपने के लिए निर्णय लिया था, जिसे 2006 में कॉन्ट्रैक्ट प्रदान किया गया था। इससे तीसरे टर्मिनल की शुरुआत हुई।
तीसरे टर्मिनल का निर्माण 2006 से 2010 तक हुआ, जो कुल मिलाकर तीन साल से कम समय में हो गया। GMR ग्रुप और Fraport ने इसे अगुवाई किया, T3 की धारा क्षमता हर साल 34 मिलियन यात्रियों को सेवा करने की है। यह विश्वभर में अन्य प्रमुख हवाई अड्डों की तुलना में कम है।
लेकिन यह T1 और T2 की क्षमता से सार्थक वृद्धि है। T3 ने जुलाई 2010 में अपने द्वार खोले, जिससे दिल्ली को 24 वर्षों बाद एक नया टर्मिनल मिला।
इंदिरा गांधी एयरपोर्ट में कितने टर्मिनल हैं?
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा में तीन प्रमुख टर्मिनल्स हैं: T1, T2 और T3। ये टर्मिनल्स विभिन्न प्रकार की यात्रियों के लिए अलग-अलग उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
1. टर्मिनल 1 (T1):
T1 को प्रधान रूप से नॉन-स्चेंजिंग और डॉमेस्टिक फ्लाइटों के लिए उपयोग किया जाता है। इस टर्मिनल में कुछ छोटे और घरेलू एयरलाइंस के उड़ान स्थान होते हैं। यह टर्मिनल एयरपोर्ट के अन्य टर्मिनल्स से थोड़ी दूरी पर स्थित है।
2. टर्मिनल 2 (T2):
T2 को प्रधान रूप से विदेशी एयरलाइंस के विमानों के लिए उपयोग किया जाता है। यह टर्मिनल अब विमानन के लिए अधिक प्रयोग नहीं किया जाता है, क्योंकि बहुत सारे विदेशी एयरलाइंस अब T3 में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
3. टर्मिनल 3 (T3):
T3 इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा का सबसे बड़ा टर्मिनल है और यह विदेशी विमानों और एयर इंडिया की नॉन-स्चेंजिंग फ्लाइटों के लिए उपयोग किया जाता है।
यहां पर अधिकांश विमानों के टर्मिनल्स होते हैं जो विदेशी यात्रा करते हैं। यह टर्मिनल एयरपोर्ट का मुख्य टर्मिनल है और यह विभिन्न विमानन सेवाओं और उपयुक्तता के लिए अच्छी तरह से विकसित है। यहां पर विभिन्न एयरलाइंस और शांतिवार्ता सुविधाएं उपलब्ध होती हैं।
India Ka Sabse Bada Airport Kahan Ban Raha Hai?
जेवर नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (Noida International Airport) भारत और एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। यह भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण और उपलब्धि पूर्वक परियोजना है जो उत्तर प्रदेश के जेवर गांव के पास स्थित होगी।
इस एयरपोर्ट का निर्माण भारतीय सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयासों से किया जा रहा है। यह परियोजना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय यातायात को बढ़ाने, पर्यटन को बढ़ावा देने, व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और उत्तर प्रदेश के विकास को गति देने का उद्देश्य रखती है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की योजना के अनुसार, यह अंतर्राष्ट्रीय यातायात के लिए अधिकतम क्षमता के साथ विशाल टर्मिनल, मॉडर्न सुविधाएं, विमानों के पार्किंग की सुविधा और उच्चतम गुणवत्ता के यात्रियों के लिए सुविधाएं शामिल होगी।
इस एयरपोर्ट का निर्माण विश्वस्तरीय मानकों पर होगा और विशेष ध्यान रखा जाएगा कि यह स्थानीय पर्यावरण को किसी भी रूप में प्रभावित न करे।
एक बार Noida इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण पूरा हो जाने पर, यह भारतीय एविएशन उद्योग को मजबूती से आगे बढ़ाएगा और उत्तर प्रदेश को एयरपोर्ट हब के रूप में एक महत्वपूर्ण यातायात और व्यापारिक केंद्र बनाएगा।
इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और नोएडा और उत्तर प्रदेश के लोगों को अधिक रोजगार अवसरों का लाभ मिलेगा।
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से, भारत एविएशन को विश्व में एक महत्वपूर्ण और विकासी देश के रूप में मजबूती से स्थापित किया जा सकता है।
छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई: भारत का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा
छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है! यह व्यस्ततम हवाई अड्डों में एक है और महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित है।
इस अड्डे पर तीन टर्मिनल हैं जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें सेवा करते हैं। यह एयरपोर्ट भारतीय और विदेशी यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण गेटवे है और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय यातायात का मुख्य केंद्र है।
चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चेन्नई: तीसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा
चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा तमिलनाडु के चेन्नई शहर में स्थित है। यह दक्षिण भारत का तीसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और दक्षिण भारतीय राज्यों के लिए महत्वपूर्ण गेटवे है। चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय अड्डा एशिया के तट पर स्थित होने के कारण इसका विदेशी यातायात भी बहुत ज्यादा है।
केंपेगोडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, बैंगलोर: चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा
केंपेगोडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारतीय राज्य कर्नाटक के बैंगलोर शहर में स्थित है। यह भारत का तेलंगाना राज्य और राजस्थान राज्यों के लिए महत्वपूर्ण गेटवे है। इस अड्डे पर एशिया और इंडिया के अनेक शहरों के बीच यातायात होता है।
कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोची: पांचवां सबसे बड़ा हवाई अड्डा
कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा केरल के कोची शहर में स्थित है। यह केरल राज्य के लिए महत्वपूर्ण गेटवे है। यह एयरपोर्ट तटीय वन्यजीवन के नजदीक स्थित होने के कारण विदेशी यात्रियों के लिए भी एक पसंदीदा स्थल है।
राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद: छठा सबसे बड़ा हवाई अड्डा
राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा तेलंगाना के हैदराबाद शहर में स्थित है। यह भारत का चौथा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और तेलंगाना राज्य के लिए महत्वपूर्ण गेटवे है। इस अड्डे पर अंतर्राष्ट्रीय और दोमेस्टिक उड़ानें सेवा की जाती हैं और यह उद्यान विदेशी यात्रियों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, तिरुवनंतपुरम: सातवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट
त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा केरल के तिरुवनंतपुरम शहर में स्थित है। यह भारत का पंचम सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और केरल राज्य के लिए महत्वपूर्ण गेटवे है। यह एयरपोर्ट भारतीय और विदेशी यात्रियों के लिए एक लोकप्रिय गोलीभूत अड्डा है और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के बीच बहुत पसंदीदा है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोलकाता: आठवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा वेस्ट बंगाल के कोलकाता शहर में स्थित है। यह भारत का छठा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और बंगाल राज्य के लिए महत्वपूर्ण गेटवे है। इस अड्डे पर विदेशी और राष्ट्रीय उड़ानें सेवा की जाती हैं और यह एशिया में स्थित सबसे व्यस्त हवाई अड्डा भी है।
कालीकट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा केरल के कालिकट शहर में स्थित है। यह भारत का सातवां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और केरल राज्य के लिए महत्वपूर्ण गेटवे है। यह अड्डा अंतर्राष्ट्रीय और दोमेस्टिक उड़ानें सेवा करता है और विदेशी यात्रियों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
दाबोलिम हवाई अड्डा, वास्को द गामा: दसवां सबसे बड़ा एयरपोर्ट
दाबोलिम हवाई अड्डा गोवा के वास्को द गामा शहर में स्थित है। यह भारत का आठवां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और गोवा राज्य के लिए महत्वपूर्ण गेटवे है।
यह एयरपोर्ट भारतीय और विदेशी यात्रियों के बीच एक लोकप्रिय गोलीभूत अड्डा है और विदेशी यात्रियों के लिए एक पसंदीदा स्थल है।
Conclusion Points
भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा वर्तमान में दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। हालाँकि, भारत में विमानन उद्योग की तीव्र वृद्धि और विकास के साथ, यह अत्यधिक संभावना है कि 2024 तक इस सूची में बदलाव होंगे।
जेवर नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है और यात्रियों और उड़ानों की बढ़ती संख्या को समायोजित करने के लिए मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार किया जा रहा है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि ये विकास आने वाले वर्षों में भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डों की रैंकिंग को कैसे प्रभावित करते हैं। यह जानने के लिए कि 2024 में कौन सा हवाई अड्डा शीर्ष स्थान पर है, भारतीय हवाई अड्डों पर नवीनतम समाचार और अपडेट से अपडेट रहें!
FAQs
1. प्रश्न: भारत का वर्तमान सबसे बड़ा हवाई अड्डा कौन सा है?
उत्तर: भारत का वर्तमान सबसे बड़ा हवाई अड्डा दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
2. प्रश्न: क्या कोई आगामी हवाई अड्डा है जो आकार में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को पार कर जाएगा?
उत्तर: हाँ, जेवर नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पूरा होने के बाद भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने की उम्मीद है।
उत्तर: नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 2024 तक पूरा होने वाला है।
4. प्रश्न: ये रैंकिंग किसी हवाई अड्डे का आकार कैसे निर्धारित करती हैं?
उत्तर: किसी हवाई अड्डे का आकार यात्री यातायात, रनवे की संख्या, टर्मिनल क्षेत्र, कार्गो प्रबंधन क्षमता और समग्र बुनियादी ढांचे जैसे कारकों के आधार पर निर्धारित किया जा सकता है।